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मुक्तक जिंदगी भारी बोझ है,जब लगने लगा। तुम बिन मैं

मुक्तक
जिंदगी भारी बोझ है,जब लगने लगा।
तुम बिन मैं व्यर्थ, हूं ये तब लगने लगा।
तुम भी अर्थहीन मुझ बिन तो हो गए।
इक दूजे बिन बुझा सब लगने लगा।

©Dr Nutan Sharma Naval
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