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हाथो में एक खत था, चेहरे पे ओंस की बूंदे जमी थी,आं

हाथो में एक खत था, चेहरे पे ओंस की बूंदे जमी थी,आंखों में कोहरा सना था और सांसों में तन्हाई का ज़हर घुल चुका था,पहर दर पहर यादों की मुखबिरी करने तुम्हारी बातें आ जाती थी जिन्हें सीने से निकाल के मैंने लबो पे कैद कर लिया वरना सबूतों के मद्देनजर तुम्हे कैद हो जाती और में तुम्हे आज़ाद देखना चाहती थी...सब किस्से यूँ ही खत्म कर दिए मैंने💔 #दिसंबर #यादें sangeeta manish tiwari 🥀Shad Khan🥀 AS Sabreen miss pahadan
हाथो में एक खत था, चेहरे पे ओंस की बूंदे जमी थी,आंखों में कोहरा सना था और सांसों में तन्हाई का ज़हर घुल चुका था,पहर दर पहर यादों की मुखबिरी करने तुम्हारी बातें आ जाती थी जिन्हें सीने से निकाल के मैंने लबो पे कैद कर लिया वरना सबूतों के मद्देनजर तुम्हे कैद हो जाती और में तुम्हे आज़ाद देखना चाहती थी...सब किस्से यूँ ही खत्म कर दिए मैंने💔 #दिसंबर #यादें sangeeta manish tiwari 🥀Shad Khan🥀 AS Sabreen miss pahadan