जितना दूर रखोगे मैं उतना पास जाऊंगी जिंदगी है लेख मेरी लेख में है जिंदगी मेरी भला उसके बिन कैसे रह पाऊंगी संसकार रहित जीवन ज्ञान रहित पुस्तक इसके बिना क्या ओकात मेरी इस से अधिक व्याख्या नहीं इसी से है पहचान मेरी सृष्टिकर्ता का आशीर्वाद है जो मिलता हर किसी को नहीं🙏🙏 ©Shruti Mor # love to write