Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रिये दादा जी क्या कहूँ में उनके लिए जिन्होंने अ

प्रिये दादा जी  क्या कहूँ में उनके लिए
जिन्होंने अपना सब मुझपे लुटा दिया
कहते हैं वो मैं उनकी बेटी नहीं बेटा हूँ
उनकी ऊँगली पकड कर मेंने चलना सीखा
उनकी गोद में मैंने खेलना सीखा
वो मेरे दादा नहीं दोस्त है
जिनके दिल की धड़कन हूँ मैं!
मेरे जाने के बाद छुप छुप कर वो रोया करते हैं वो
अपनी सिसकियों को दिल में ही छुपा लेते हैं वो
मेरे दादा नहीं दोस्त है वो

दोस्त हैं वो maire dost maire dadaji
प्रिये दादा जी  क्या कहूँ में उनके लिए
जिन्होंने अपना सब मुझपे लुटा दिया
कहते हैं वो मैं उनकी बेटी नहीं बेटा हूँ
उनकी ऊँगली पकड कर मेंने चलना सीखा
उनकी गोद में मैंने खेलना सीखा
वो मेरे दादा नहीं दोस्त है
जिनके दिल की धड़कन हूँ मैं!
मेरे जाने के बाद छुप छुप कर वो रोया करते हैं वो
अपनी सिसकियों को दिल में ही छुपा लेते हैं वो
मेरे दादा नहीं दोस्त है वो

दोस्त हैं वो maire dost maire dadaji