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एक कली खिल उठी आँगन में उसके लिए अंतः गा उठे गान,

एक कली खिल उठी आँगन में
उसके लिए अंतः गा उठे गान,
यह क्या झोंका पवन का आया
पंखुङी अलग अलग कर
बिखरा गया खुश्बू सारा
जो सिमटा था अब तक दामन में।।

©Rajiv Jiya Kumar
  #पु मेरे पु।

#पु मेरे पु। #ज़िन्दगी

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