मुझे मोहब्बत के गीत गाने दो मैं रो पड़ा हूं मुझको मुस्कुराने दो।। माना बहुत तंग है ये गलियां, पर मुझको जरा रास्ता दो ,जाने दो। हम हसरतों के ख्वाब नहीं बूना करते, हकीकतो के आईने में हमें समाने दो। यह रात तो बहुत अंधेरी है , मुझे चराग दो और गुजर जाने दो। आरजू के दम पर जमाना नहीं चला करता, जिंदगी हिसाब दो या हमको कैद खाने दो। मैं सिद्धत से आरजू ऐसा लिए बैठा हूं कोई बताओ मुझे और नए मायने दो। मैं थका नहीं रूहानी गेजा हावी है, मुस्कुराओ नहीं ए रब क्या तू राजी हैl Muskurane do