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रुकी हुई साँसों में खौल उठती हैं खाँसियाँ अंतड़ियाँ

रुकी हुई साँसों में खौल उठती हैं खाँसियाँ
अंतड़ियाँ हूँक देती हैं काले कोप जैसा खून
एक कमजोर हाथ के सहारे टिक जाती है चेतना
और आंखों में घूम जाती है एक लंबी जिंदगी।
                                  - विद्रोही #vidrohi
रुकी हुई साँसों में खौल उठती हैं खाँसियाँ
अंतड़ियाँ हूँक देती हैं काले कोप जैसा खून
एक कमजोर हाथ के सहारे टिक जाती है चेतना
और आंखों में घूम जाती है एक लंबी जिंदगी।
                                  - विद्रोही #vidrohi
sunilchaudhary6891

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