ख़ुदाया तू मेरे हमराह हरदम, मुझे फिर किस लिए किस बात का ग़म। मुझे गिरने नहीं देता कभी वो, मेरा मौला, मिरा हमराज़, हमदम। मुझे इतनी बुलंदी पर उठा दे, कि तेरे सामने हो सिर मिरा ख़म। गुनाहों से मिरा दिल फेर दे तू, मेरी सब ख़्वाहिशों को कर दे तू कम। मिटा दे ख़ौफ़ सारे दिल से मेरे, मेरी आंखें हों तेरे ख़ौफ़ से नम। #aliem #yqbhaijan #khudaya #prayer ख़म - झुकना, bow