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कहीं गहरे उतरता है कोई जब बात लगती है उड़ाती न

कहीं  गहरे  उतरता  है  कोई जब बात लगती है
उड़ाती  नींद  आँखों  से  परेशाँ  रात  जगती  है
चुराकर  ले गया ऐसे  कोई मुझसे  मेरा ही दिल
सुबह से रात तक अब तो निग़ाहें राह तकती है.

©malay_28
  #बात जब लगती है
malay285956

malay_28

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streak icon99

#बात जब लगती है #शायरी

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