तू सौ जाती है जल्दी। मुझको नींद कहा आती है। आ कर त

तू सौ जाती है जल्दी।
मुझको नींद कहा आती है।
आ कर तेरी यादें अक्सर।
मुझे रात भर जगाती है।
तेरा सोना भी जरूरी है।
जिम्मेदारी का बोझ बड़ा है।
घबराना ना पर तू यारा।
"ताहिर"तेरे संग खड़ा है।
बाते करनी है तुम से बहुत सी।
पर तेरे पास वक्त नहीं।
तेरे बिन तन्हा जी पाऊं।
इतना भी मैं सख़्त नही।
थोड़ा वक्त कभी तो तू।
मेरे लिए निकाला कर।
ख़्वाब कभी तो अपने ये तू।
मेरे संग मे पाला कर।
कभी प्यार कर कभी तू गुस्सा।
अपना मुझ पर निकाला कर।
मैं ता उम्र तुम्हें संभालूंगा।
तू कभी तो मुझे संभाला कर।
ताहिर।।।

©TAHIR CHAUHAN
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