ज़िन्दगी ने बहुत रुला दिया है मुझे। अपनों ने बहुत सज़ा दिया है मुझे।। आरज़ू अब कोई मेरे दिल में नहीं। प्यार करके भुला दिया है मुझे।। ख़ता तो ये है कि,, ख़ता हो गई है। मेरी वफ़ा का सिला दिया है मुझे।। समझता ही नहीं मेरी मोहब्बत को। चराग़ समझ बुझा दिया है मुझे।। अपनी ही किस्मत से हूँ मैं ख़फा अब। ख़्वाब अधूरा दिखा दिया है मुझे।। ऐ "सानी" तेरी मंज़िल क्या हो भला। अब साक़ी ने ठुकरा दिया है मुझे।। ©Md Shaukat Ali "Saani" #journey_to_myself