हा लिखती हूं मैं कविताएं क्योंकी मेरी हर कविता मैं तुम हो। मुस्कुराती हूं में अक्सर खुद को देखकर क्योंकि मेरी हसी में तुम हो संवार लेती हूं में खुद को क्योंकि मेरे श्रृंगार में तुम हो हां लिखती हूं में कविताये क्योंकी मेरी हर कविता लिख तुम हो Tum ........ ©manisha SINGh Tum Tak.........