पूर्णिमा,ये पूर्णिमा, फागुन की प्यारी पूर्णिमा। गीतमय, संगीतमय,दिन -रात सारी पूर्णिमा। चंद्रमा ने रात को देखके होलिका - दहन, सूर्य को याद किया, सूर्य ने फिर देख वदन, हर वो रंगा -बिरंगा सुमिरा चांद, जारी पूर्णिमा। रात को भी फाग था,राग है फाग का दिवस, गा रही रुत है वहीं, मौसम भी सुर से है सरस, सुन सरोज,गाये मन,ग्यारों पे भारी पूर्णिमा। ©BANDHETIYA OFFICIAL #फागुन - पूर्णिमा! #holikadahan