माना तेरे मेरे दरमियाँ मजहब की एक बड़ी दीवार है, लेकिन सनम हमको तेरी मोहब्बत पर पूरा एतबार है। मजबूरी है इसलिए दूर हूँ तुमसे पर दिल से दूर नहीं, जिस्मों के दरमियाँ में दूरी है पर हमारे दिलों के नहीं। यकीन है तुम पर और अपने भगवान पर भी हमको, तुम हर दूरी को मिटा कर अपना बनाओगे हमको। ♥️ Challenge-719 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।