بارشوں کا یہ موسم, यह बारिश की जो कश्ती थी डूबी किसी की घर बस्ती थी चल रहा था हवा का झोंका मौसम भी खूब ठंडी थी निचले इलाकों में पानी की मस्ती थी यह बारिश की जो कश्ती थी बाढ़ भयानक हो गया तो पूरे मोहल्ले में पानी सस्ती थी ©azad singh #बारिश #barish #poem #barish