मेरी नींद खुल गई! और ये क्या? मैं तो अपने बिस्तर पर सो रही थी। क्या ये सब सपना था? क्या यह महज़ मेरे मन में पलती आकांक्षाओं का एक चलचित्र था? मैं उठ कर बैठ गई। एक पल को मुझे बहुत गुस्सा आया कि क्यों यह हकीकत नहीं थी? और अगर यह सपना ही था तो क्यों मेरी आंख खुल गई? क्यों मैं कुछ देर और उसका आनंद नहीं ले पाई? मैं खीज गई। किंतु अगले ही पल मेरे मन में अजीब सी खुशी और उत्साह उत्पन्न हो गया। जब आप सच्चे दिल से कुछ चाहते है, तो उसको पाने की सोच मात्र ही आपका रोम - रोम पुलकित कर देती है। और यहां तो मैंने साक्षात उसको होते देखा। भले ही वह एक स्वप्न क्यों ना हो।। #yostowrimo में आज की कहानी की में कुछ अचानक घटित होता है और आप कहानी के संसार में दाख़िल हो जाते हैं। विज़ुअलाइज़ करें। जैसे:- अचानक - दरवाज़े पर दस्तक होती है। अचानक - फ़ोन की बैटरी ऑफ़ हो जाती है। अचानक - पेट में तेज़ दर्द उठता है। अचानक - गली से गोलियाँ चलने की आवाज़ आती है। ऐसी कई घटनाएँ हो सकती हैं जिससे एक कहानी का जन्म हो सकता है। #अचानकएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqdidi