जिंदा हूँ ए ज़िन्दगी तुझसे लड़ रहा हूँ मैं धीरे धीरे ही सही पर आगे बढ़ रहा हूँ मैं ठोकरे खा खा कर कुछ अक़्ल आ गयी है अपने और पराये को बखूबी समझ रहा हूँ मैं ज़िंदा हूँ ए ज़िन्दगी तुझसे लड़ रहा हूँ मैं कितना भी मुसीबतो ने घेरा मुझे पर उससे नज़रे मिला कर खड़ा रहा हूँ मैं कितना भी गलत कहा ज़माने ने मुझे पर अपनी ज़िद पे अड़ा रहा हूँ मैं बेख़ौफ़ हूँ आज़ाद हूँ अपने मन की कर रहा हूँ मैं ज़िंदा हूँ ए ज़िन्दगी तुझसे लड़ रहा हूँ मैं होश खुद का न था फ़िक्र जो दुसरो की थी गैर तो सिर्फ हसते थे चोट तो अपनों की थी हस रहा हूँ खुश हूँ पर थोड़ा तड़प रहा हूँ मैं चोट कितनी भी थी पर अब उससे उबर रहा हूँ मैं ज़िंदा हूँ ए ज़िन्दगी तुझसे लड़ रहा हूँ मैं हार जाउगा तुझसे ये तूने सोच भी कैसे लिया You..Never..give..up..my..son ये मेरे पापा का सबक पढ़ रहा हूँ मैं बहुत मेहनत की है आप सबके लिए एक बार देखना ज़रूर जिसने नहीं देखा उसे तो भगवान देखेगा An Inspirational poetry for all my friends and Family #NojotoHindi # #Poetry #Quotes #thoughts #TST #Nojoto Nojoto News Kalakaksh