इच्छाएं तो बहुत थी मन मै मेरे कभी मन कहता उड़ आसमान पर कभी कहता जमीन ना छोड़ अपनी दोनो की कश्मकश मे कही मैं खुद ही खो गया ना जाने कब आसमान की तरफ देखते देखते मै अपनी जमीन तक खो गया।। # Suman Zaniyan Suman Zaniyan