हवा भी थी, पानी भी था ... खाद भी थी, मिट्टी भी थी ... सूरज भी था ,चांद भी था... पर जब से उसने एक फूल पर नज़र डाली है .... वो चाह कर भी खिल नही पा रहा था । ©amar gupta #हवा भी थी पानी भी था...