इन तन्हा बेबस रातों में,बस तकिया साथ निभाती है। आंखों से झरना बहता है , वो सिर-माथे से चिपकी रहती है। इन तन्हा बेबस रातों में....... मैं याद करुं किसी और को, फिर भी गले लगाती है। मैं तो रोता रहता हूं,कम्बख्त वो भी साथ निभाती है। #GUMNAAM BABA #Dreams #my_pillow #SAD #Love #बात #प्रेम #nadan#online_poetry भोले बाबा