Nojoto: Largest Storytelling Platform

बहुत दूर चली गयी हूँ माँ तुझसे फिर भी आसपास तू लग

बहुत दूर चली गयी हूँ माँ तुझसे 
फिर भी आसपास तू लगती है 
मेरी दुनिया जगमगा जाती है 
जब तेरे माथे पर बिन्दिया सजती है
खुद के चेहरे में मै माँ तेरी परछाई ढूंढ़ती हूँ
तुझ सा महसूस करती हूँ माँ जब भी श्रृंगार करती हूँ
ससुराल में माँ अब कौन मुझे सुबह प्यार से उठाएगा
एक कप चाय के साथ अब कौन दिल के हाल सुनायेगा 
मेरी एक छींक पर कौन मुझे काढा बना के पिलायेगा
जब मन उदास होगा तो कौन मेरा दिल बहलायेगा 
        माँ मैं तुझसे दूर कैसे रहूंगी 
    तुझसे कितना प्यार है ये कैसे कहूँगी 
       माँ मै तुझसे दूर कैसे रहूंगी 😔😔 #nojoto #maa #feelings #emotions #love 💞💞
बहुत दूर चली गयी हूँ माँ तुझसे 
फिर भी आसपास तू लगती है 
मेरी दुनिया जगमगा जाती है 
जब तेरे माथे पर बिन्दिया सजती है
खुद के चेहरे में मै माँ तेरी परछाई ढूंढ़ती हूँ
तुझ सा महसूस करती हूँ माँ जब भी श्रृंगार करती हूँ
ससुराल में माँ अब कौन मुझे सुबह प्यार से उठाएगा
एक कप चाय के साथ अब कौन दिल के हाल सुनायेगा 
मेरी एक छींक पर कौन मुझे काढा बना के पिलायेगा
जब मन उदास होगा तो कौन मेरा दिल बहलायेगा 
        माँ मैं तुझसे दूर कैसे रहूंगी 
    तुझसे कितना प्यार है ये कैसे कहूँगी 
       माँ मै तुझसे दूर कैसे रहूंगी 😔😔 #nojoto #maa #feelings #emotions #love 💞💞