कुछ नहीं है फिर भी सब कुछ है वो साया है अंधेरों का पर चांदनी रातों का एहसास है वो मुझे मालूम है आंखें नम मेरी भी है पर क्यूं मुझे मालूम नहीं हां मेरे अस्कों को तलाश है वो,,,,, मेरे अधूरे ख़्वाबों का जीने का हकीक़त है वो जो लम्हें लिख न पाती मैं उन शब्दों का आगाज़ है वो कैसे मिटा दूं अपने अतीत को अतीत में लिखा हर राज़ है वो हां मेरे अस्कों को तलाश है वो,,,,, जीने लगी मैं फिर से मेरे जीने का मतलब है वो सांसों को मिला एक शक्स कही से इस दिल के करीब है वो मेरे जख्मों का मरहम दिल के दर्दों का आराम है वो हां मेरे अस्कों को तलाश है वो,,,,, बातों का जवाब नहीं दिया करते जहां मोहब्बत हो वहां किसी का दिल नहीं तोड़ा करते,,,,,,,, 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 असल जिंदगी के सफ़र में उनका साथ मिले