समाज के ठेकेदारों बदलो अपना बद नजरिया, रूढ़ियों कुप्रथाओं की जंजीरे न बांधो जबरिया। बेटियों की मत लो धैर्य सहनशीलता की परीक्षा, क्या अच्छा और क्या बुरा फिर सें करो समीक्षा। बेटियों को भी सपूतों की तरह पढ़ने लिखने दो, चहरे पर इनके सफलता की हंसी को सजने दो। काटों ना पंख इनके हौसलों की उड़ाने भरने दो, सुनहरा बने भविष्य,सपनों को सच हो जाने दो। बेटियों को ढल जाने दो,वक़्त के कठोर सांचे में, दरिंदों की रूहे कांपे बदनीयत से हाथ लगाने में। लिंगभेद के शिकार हो,खुद के हक को तरसी है, जुल्मों को सह कर दुख की बदली बन बरसी है। अपनों के लिए कुप्रथाओं की आग में झुलसी है, बेटी ही तो हर आंगन में बनी संस्कारी तुलसी है। JP lodhi 05Dec2020 ©J P Lodhi. #HappyDaughtersDay2020 #poetryunplugged #nojotowriters #nojotohindi #Nojotonews #Nojotoorigenal #Poetry