किसने कहा मैं दूर हु तुमसे,? अगर खुली हो आंखे तो खयालों में हु मै, बंध करलो अगर आंखे तुम तो सपनों में हु मैं। अरे तुम दिमाग चलाओ तो सोच मै हु मै, तुम दिल की आवाज सुनो तो धड़कन हू मै। अरे तुम मानो तो तुम्हारे टैडी का मुंह हूं मैं, मानो तो तुम्हारे तकिए की अदंर की रूई हूं मैं। देख सको मुझे तो खिड़की के कांच मैं हू मैं, बाहर खड़े पेड़ की टहनियों पे बैठा पंछी हू मै। हाथो को देखो ध्यान से तो लकीरों मैं हूं मैं, देखो उंगलियों तो उसमे बसी अंगूठी हूं मैं। देखलो आईना तो तुम्हारी मुस्कान मै हु मै, गौर से देखो मैं"अपूर्व",तुम्हारे पास ही हू मै। ©A P #Apoorv