Nojoto: Largest Storytelling Platform

किताबें हिजरत करते सोचना पड़े इतना साज नही बनाऊंगा

किताबें हिजरत करते सोचना पड़े इतना साज नही बनाऊंगा
मज़बूरी में अपनाना पड़े ऐसा रिवाज नही बनाऊंगा

एक एक करके लूटकर ले गये सब दौलत मेरी 
मैं किताबो के लिए खुला दराज नही बनाऊंगा

उसको देखता हूं तो अब डर लगने लगता है
दोस्त तो बनाऊंगा कोई हमराज नही बनाऊंगा

मेरी खुदकुशी के बाद सूनकर सिसकेगी मेरी माँ
मैं अपने जैसी कोई और आवाज नही बनाऊंगा

एक बार में ही रो पड़ता हु पांच वक़्त में क्या होगा
उसको याद तो करूँगा फिर से नमाज नही बनाऊंगा #किताब #hijrat
किताबें हिजरत करते सोचना पड़े इतना साज नही बनाऊंगा
मज़बूरी में अपनाना पड़े ऐसा रिवाज नही बनाऊंगा

एक एक करके लूटकर ले गये सब दौलत मेरी 
मैं किताबो के लिए खुला दराज नही बनाऊंगा

उसको देखता हूं तो अब डर लगने लगता है
दोस्त तो बनाऊंगा कोई हमराज नही बनाऊंगा

मेरी खुदकुशी के बाद सूनकर सिसकेगी मेरी माँ
मैं अपने जैसी कोई और आवाज नही बनाऊंगा

एक बार में ही रो पड़ता हु पांच वक़्त में क्या होगा
उसको याद तो करूँगा फिर से नमाज नही बनाऊंगा #किताब #hijrat