#गरम_चाय_की_प्याली ऐसे, गले में चिपकी सूखी खांसी सरीखा पुरानी आदत और मैं- जरा तंग-सा, मेरे कमरे में एडजस्टिया तो लेते हैं, मगर गुजरे लम्हों के बातूनी बयार में तेरे लिए चाय बनाने की वो ख्वाहिश आखिरी अब भी कभी, खींच मुझे किचन तक मेरा हाथ धरकर धीमी आंच में गैस पर, धड़ देता है सस्पेन चाय का... @manas_Pratyay #Night#गरम_चाय_की_प्याली © Ratan Kumar