Nojoto: Largest Storytelling Platform

आग तड़प रही शीतलता के लिये अहसास है कि मचल रहे जलने

आग तड़प रही
शीतलता के लिये
अहसास है कि मचल रहे
जलने के लिये

तुझसे मिलूँ तो
संवर जाऊँ
या जुदा ही रह के
हवा में मिल जाऊँ

©Vikas sharma
  आग और शीतलता
vickysharma3971

Vikas sharma

Silver Star
New Creator

आग और शीतलता #लव

7,547 Views