मोहब्बत में ब़गावत अजनबी के जैसे मिले हम दोनों और उल्फत हो गई, चाहत थी बस दोस्ती की और सच्ची मोहब्बत हो गई। दिल चाहने लगा उनको बिना हमारे दिल की मर्जी के, उनको चाहना हमारे नादान दिल की कमजोरी हो गई। वह समझ कर भी समझते नहीं है हमारी खामोशी को, उनसे इकरार-ए-मोहब्बत करना मेरी मजबूरी हो गई। उनको देख सांँसे थमने लगती हैं व धड़कनें बढ़ जाती हैं, ना चाहते हुए भी मेरे दिल से मोहब्बत में ब़गावत हो गई। खोया रहने लगा ये दिल रात-दिन उनके ही खयालों में, हर पल उनको चाहते रहना दिल की जैसे आदत हो गई। मीठा मीठा सा प्यार का एहसास रहने लगा है मेरे दिल में, खोकर तेरे संग प्यार में मेरी जिंदगी हसीन जन्नत हो गई। #मोहब्बतमेंब़गावत #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #KKSC14 #विशेषप्रतियोगिता