सहृद है रत्ना हिन्दी है, स्वजना मधुरिम वाणी है । सरलाकृत तरु की शाखा है, आलोकित मधुमानी है ।। मनस स्वर्ण रम हृदय ध्यात्म ले, सुधा शब्द पी प्रेम स्त्राव हैं । प्रणय सार से दीप्ति चमत्कृत, मनु आच्छादित सिंचित भाव हैं ।। #alokstates #essentiallydeep #oneness_of_souls #enlightenment #सीखामैंने #lettertoself #lovequotes #poetrylovers