विषय :- तेरे होंठों की तलब (08-10-2021) ********************************* तेरे होंठों की तलब से बढ़ती है, मेरे होंठों की प्यास सनम। तुमसे ही मेरी हैं सारी खुशियाँ, तुमसे ही मेरी आस सनम। दूर नहीं रह सकता तुझसे, हर पल तुझे रब से माँगता हूँ। रहती है तू दुआओं में शामिल, बनके मेरी अरदास सनम। सारी दुनिया घूम लिया, कोई तुमसा नहीं है खास सनम। रहती हो मेरे दिल में हरपल, बनकर इक अहसास सनम। अपना हाल मैं क्या बताऊँ, बस तुझमें ही खोया रहता हूँ। होता नहीं जब दीदार तुम्हारा, हो जाता हूँ मैं उदास सनम। कितने सावन यूँ ही बिता दिए, तुझसे मिलने की आस में। जाने क्यूँ मिलती नहीं तुम, आती नहीं हो मेरे पास सनम। विषय :- तेरे होंठों की तलब (08-10-2021) तेरे होंठों की तलब से बढ़ती है, मेरे होंठों की प्यास सनम। तुमसे ही मेरी हैं सारी खुशियाँ, तुमसे ही मेरी आस सनम। दूर नहीं रह सकता तुझसे, हर पल तुझे रब से माँगता हूँ। रहती है तू दुआओं में शामिल, बनके मेरी अरदास सनम।