धोखे एक यार की तलाश ताउम्र रही। सच्चे प्यार को ताउम्र तरसता रहा । नसीब को तरस ना आया तन जख्मी रहा । बेमानी खुशी, आत्मा दुखी अपनो से दूर रहा। साथी ना मिला, दूरगामी कोई जिससे, जहा धोखा ही मिला। arvind bhanwra #sadlove December (day 18)धोखे