क्यों चुप हो तुम हमदम मेरे, मुझको तो बताओ ना। राज क्या है इस उदासी का, हमसे तुम छुपाओ ना। तुम्हारी एक मुस्कान से ही, दिल खुशनुमा हो जाता है। कहाँ खो गई मुस्कान तुम्हारी, हमसे तो कह जाओ ना। वजह क्या है इस मायूसी की, क्या हुआ तुमको सनम। चुप रहकर इस तरह तुम, मेरी चिंता और बढ़ाओ ना। मैंने तुमसे प्यार किया है, उदास तुम्हें देख सकता नहीं। चेहरे से गायब रौनक को, एक बार तो वापस लाओ ना। ऐसा नहीं कि समझ नहीं सकता, मैं तुम्हारे मन की बात। दिल के अरमां दिल में रखकर, बेवजह मुझे सताओ ना। मैं ठहरा पागल आशिक़, तुम्हारी मुस्कान से ही जीता हूँ। लबों की खामोशी को हटाकर, एक बार तो मुस्कुराओ ना। ♥️ Challenge-773 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।