कया हुआ तेरे होसलों का कया इतना ही दम था तेरे होसलों में जो थक-हार कर बैठ गया तु बडा़ समझाता था तू लोगों को success के बारे में कया कोई उच सथान है तेरा इस दुनिया में तो किस angle से लगता है तुझे के लोग तुझसे प्रेरित होगें जबकि तु खुद ही अभी तक एक सूनय है।। Vikas Kumar praj.. life poetry..