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क्या तुमने देखा आज रात के चाँद को, कुछ तुम सा लगत

क्या तुमने देखा आज  रात के चाँद को, कुछ तुम सा लगता है,मुझे वो चुपचाप सा थोड़ा मुस्कुराता,
जाने कितने ही राज़ छुपाता,अब तुम कहोगे कि अक्सर तो आता है रातो  में,नया क्या है-तो जानम ,क़भी हमारी नज़र से देख़ो जरा,कितना शीतल और खूबसूरत है वो,कुछ ना कहता वो किसी से 
फिर भी सितारो से आसमान सजाता है,ना है जमी पर उसका अपना ,फिर भी हमारी तरफ देख मुस्कुराता है।
 #Nightक्या तुमने देखा आज  रात के चाँद को,
कुछ कुछ तुम सा लगता है,मुझे वो।
चुपचाप सा थोड़ा मुस्कुराता,
जाने कितने ही राज़ छुपाता।
अब तुम कहोगे कि
अक्सर तो आता था रातो  में
नया क्या है-
तो जानम ,क़भी हमारी नज़र से देख़ो जरा,
क्या तुमने देखा आज  रात के चाँद को, कुछ तुम सा लगता है,मुझे वो चुपचाप सा थोड़ा मुस्कुराता,
जाने कितने ही राज़ छुपाता,अब तुम कहोगे कि अक्सर तो आता है रातो  में,नया क्या है-तो जानम ,क़भी हमारी नज़र से देख़ो जरा,कितना शीतल और खूबसूरत है वो,कुछ ना कहता वो किसी से 
फिर भी सितारो से आसमान सजाता है,ना है जमी पर उसका अपना ,फिर भी हमारी तरफ देख मुस्कुराता है।
 #Nightक्या तुमने देखा आज  रात के चाँद को,
कुछ कुछ तुम सा लगता है,मुझे वो।
चुपचाप सा थोड़ा मुस्कुराता,
जाने कितने ही राज़ छुपाता।
अब तुम कहोगे कि
अक्सर तो आता था रातो  में
नया क्या है-
तो जानम ,क़भी हमारी नज़र से देख़ो जरा,
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Diva

New Creator

#Nightक्या तुमने देखा आज रात के चाँद को, कुछ कुछ तुम सा लगता है,मुझे वो। चुपचाप सा थोड़ा मुस्कुराता, जाने कितने ही राज़ छुपाता। अब तुम कहोगे कि अक्सर तो आता था रातो में नया क्या है- तो जानम ,क़भी हमारी नज़र से देख़ो जरा, #Poetry