नज़रें चुरा रहे हो कुछ मसअला है शायद, या फिर तुम्हे सलीका-ए-गुफ़्तगू नहीं है। ©शमशेर 'साहिल' #सलीका#गुफ़्तगू#नज़र #शमशेर_साहिल #Shamsher_Sahil #pain #tears #GhazalOfSahil #BestPoetryEver #HindiShayri