हर गली-कूचे से गुज़रा है दर्द मेरा आह और वाह की पहचान है इसे जिस नगर के द्वार में खड़ी हुई ख्वाहिशें कुछ देर वहीं रुक जाने का अरमान है इसे अरमान #पारस #गली_कूचे #द्वार #नगर