*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“17/10/2021”*📝 ✨ *“रविवार”*🌟 “जीवन” में दो “भाव” होते है जिनका कोई “मूल्य” नहीं है, मेरा “तात्पर्य” यह नहीं कि इनका “महत्व” नहीं है, “महत्व” तो कई अधिक है, बस इनके लिए आपको कोई “शुल्क” न चुकाना पड़ेगा, पहला “भाव” है “आनंद”, “प्रसन्नता” ये आपको कही भी मिल सकती है, यदि आप “ढूंढना” चाहो, एक “नन्हें से बालक” की “किलकारियाँ” सुनकर आप “प्रसन्न” हो सकते है,एक रोते हुए “बालक” को “हँसा” कर आप “प्रसन्न” हो सकते है, सब आप पर “निर्भर” करता है, और “दूसरा भाव” है “चिंता”, “मनुष्य” बड़ी “चिंता” करता है आज मैने ये “कार्य” किया उस बात की “चिंता”, आज मैं ये “कार्य” नहीं कर पाऊंगा, कल मुझे वो “कार्य” करना है उसकी “चिंता”, क्या कल मैं वो “कार्य” कर पाऊंगा उस बात की भी “चिंता”,चिंता भी हर जगह ही है,ये भी “निःशुल्क” है जितनी चाहो उतनी प्राप्त कर सकते हो, एक महत्वपूर्ण बात स्मरण रखिए “प्रसन्नता” “जीवन” का एक नया “आरंभ” है वहीं “चिंता” ये “जीवन की चिता” है, अब ये दोनों भाव “निःशुल्क” है दोनों आपके समक्ष है क्या चुनना चाहेंगे आप, “चिंता” या “प्रसन्नता”... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“17/10/2021”*📝 ✨ *“रविवार”*🌟 #“जीवन” #“दो भाव”