बाप उम्रदराज था
मिलने स्टेशन पर बेटे से आया था
अपनी जवानी दे बेटे को पाला था
बेटा भी कहां एहसान फरामोश था
पिता की चाहतों का हर सामान उसने
अपने नौकर के हाथों स्टेशन तक भिजवाया था
बाप चाहत में बेटे की स्टेशन दौड़ उससे मिलने आया था..
शायद बेटा बाप ना बना था बाप का दर्द उसे अभी ना पता था #Journey#YourQuoteAndMine#wallpaper#nish_art_568