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aaj maine seekha कितना प्यारा होता था वो बचपन का

aaj maine seekha  कितना प्यारा होता था वो बचपन का उमर
न नौकरी की चिंता न रोटी की फ़िकर
खेलते थे आंगन में, टीवी देखते थे हरदम
ठण्ड हमें न लगे रहते थे रजाई के भीतर

अब वो समय न रहा मेरे जाने जिगर
अब है नौकरी की चिंता है रोटी की फ़िकर
रजाई को हटा करते हैं दूर का सफर
खेलना छोड़ कमाते हैं जिससे हो गुज़र बसर
#प्यारा_बचपन_याद_आता_है #NojotoQuote
aaj maine seekha  कितना प्यारा होता था वो बचपन का उमर
न नौकरी की चिंता न रोटी की फ़िकर
खेलते थे आंगन में, टीवी देखते थे हरदम
ठण्ड हमें न लगे रहते थे रजाई के भीतर

अब वो समय न रहा मेरे जाने जिगर
अब है नौकरी की चिंता है रोटी की फ़िकर
रजाई को हटा करते हैं दूर का सफर
खेलना छोड़ कमाते हैं जिससे हो गुज़र बसर
#प्यारा_बचपन_याद_आता_है #NojotoQuote