दीपावली, दीपावली अर्थात दीप की आवली अर्थात दीपों का त्यौहार, रौशनी का त्यौहार, खुशियों का त्यौहार, प्यार का त्यौहार पर यह हमारी मानव जाति पर कालिख़ है कि ये रौशनी और खुशी का त्यौहार हर बर्ष न जाने कितने लोगों के घर मातम लाता है। जी हाँ हम आये दिन ये खबर पड़ते, सुनते हैं कि पटाखों की फैक्ट्री में आग लगने से तमाम लोगो की मौत, घर पर पटाखों में आग लगी इतने घायल, कोई अपने हाथ-पैर खो देता तो कोई जान से हाथ धो बैठता है। ये तो हुई इंसानो की बात पटाखों से कितने जानवरों की जान जाती है इसका अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है। पर हम मनुष्य इतने स्वार्थी हो चुके हैं कि खबर पढ़कर क्षण भर का शोक मनाकर ये सोच लेते हैं कि हम और हमारा परिवार तो सुरक्षित है तो मैं आपको बता दूं कि पटाखों से आपका परिवार आज सुरक्षित हो सकता है पर आगे आने वाले समय में इससे होने वाली भयावह बीमारियों से आपका परिवार भी अछूता न रहेगा तो अभी भी समय है प्रदूषण को छोड़ रौशनी फैलाइये। त्यौहार का नाम दीपावली है पटाखावली या प्रदूषणावली नहीं विचार करें! खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।
🙏शुभ दीपावली🙏 #story