जिस गली में तेरा दिल ख़ुश, वहीं मेरा दिल भी मिलेगा, तेरी ख़ुशी में इसका सुकूँ, तेरे साथ-साथ ये भी खिलेगा। अब तुझे तो रही नहीं फ़िक्र, ना आता होगा ज़िक्र कभी, तेरे ख़याल से हूँ दुरुस्त, तेरे एहसास से ये भी संभलेगा। लफ़्ज़ सुनने की फ़ुर्सत नहीं, बैठी हूँ मैं पूरी दास्ताँ लिये, नासमझी, बे-ख़याली के बाद तेरे लिए फिर भी जलेगा। झूठी-बेरंग तस्वीर में भी घुले दिखते हैं ख़ुशियों के रंग, इतनी बेज़ारी के बाद, एक हसीं रंग इसका भी घुलेगा। बदलते अरमान ही किसी दिन याद भी दिलायेंगे 'धुन', लौट के आता है गुज़रा वक़्त, एक रास्ता यूँ भी खुलेगा। Rest Zone 'बदलते अरमान' #restzone #rztask114 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #rzwotm #rzsangeetadhun #yqdidi