कुछ दिन कहीं अकेले जाना चाहता हूँ... (read caption) (Inspired by vinod arya ji) कुछ दिन कहीं अकेले जाना चाहता हूँ... किसी और से नहीं बस खुद से मिलना चाहता हूँ... कुछ खास है नहीं ज़िंदगी में यह मान लिया मैंने... मगर ज़िंदगी अभी बची है यह खुद को बताना चाहता हूँ... कुछ दिन कहीं अकेले जाना चाहता हूँ... मैं चलना चाहता हूँ, मैं दौड़ना चाहता हूँ मगर मै रुकना नहीं चाहता हूँ... मै ज़िंदगी के थपेड़ो के आगे झुकना नहीं चाहता हूँ...