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सुन ऐ गांधी के हथियारे। लनात है मुह पे तुम्हारे। त

सुन ऐ गांधी के हथियारे।
लनात है मुह पे तुम्हारे।
तूने जिसको मारी है गोली।
कितना मासूम था वो।
कितनी मासूम थी उसकी बोली।
लेकर लाठी में देश के लिए निकल गया वो।
देश के खातिर।
जवानी से बुढ़ापे में ढल गया वो।
मिलो मिल पैदल चला है वो।
तुफानो में पला है वो।
ऐ गांधी के हथियारे।
लनात हो मुह पर तुम्हारे।
एक आतंकवादी हमले में।
टूट गया वो गुलाब गमले में।
जो करते है तारीफ तेरी।
वो उलझे है राजनीती मामले में।
ए आतंवादी नाथू क्या मिल गया तुझको।
हमेशा घमण्ड था घमण्ड है मेरे गांधी प मुझको।
ऐ गांधी के हथियारे।
लनात हो मुह पे तुम्हारे।
 By .: Wazid ali #NojotoQuote #gandhi#jayanti#
सुन ऐ गांधी के हथियारे।
लनात है मुह पे तुम्हारे।
तूने जिसको मारी है गोली।
कितना मासूम था वो।
कितनी मासूम थी उसकी बोली।
लेकर लाठी में देश के लिए निकल गया वो।
देश के खातिर।
जवानी से बुढ़ापे में ढल गया वो।
मिलो मिल पैदल चला है वो।
तुफानो में पला है वो।
ऐ गांधी के हथियारे।
लनात हो मुह पर तुम्हारे।
एक आतंकवादी हमले में।
टूट गया वो गुलाब गमले में।
जो करते है तारीफ तेरी।
वो उलझे है राजनीती मामले में।
ए आतंवादी नाथू क्या मिल गया तुझको।
हमेशा घमण्ड था घमण्ड है मेरे गांधी प मुझको।
ऐ गांधी के हथियारे।
लनात हो मुह पे तुम्हारे।
 By .: Wazid ali #NojotoQuote #gandhi#jayanti#
wazidali2092

Wazid Ali

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