"वो बारिश का मौसम वो हम दोनों का संग," वो भीगते हुए तन बदन वो खुशियों से लहराता मन, वो एक ही छाता और बारिश का पानी वो चाय की चुस्की और तेरी कहानी, वो ऊपर उड़ती हुई काली काली तेज घटायें तेरी जुल्फों को उड़ाती सावन की सर्द हवाएं, अब तो बेरंग लगता है मुझे ये बारिश का मौसम जब से तूने मुहँ है फेरा अकेला रह गया हू ख़ुद के संग।। #barish #69