मरने को जीने का नाम दे के तिल तिल मरते है, हम इंसान एक दिन मरने के लिए वर्षों जीते है। बहुत दर्द है इस जीने में,फिर भी जीना पड़ता है, चलो आओ इस दर्द को लफ़्ज़ोंं में बयां करते है। पूरा नही थोड़ा ही मगर, काफियों में सजाते हैं कभी खुशी कभी ग़म या हम साथ साथ हैं । जो भी हो मिल कर गुन गुनाते हैं, हर दर्द को खुलकर मुस्कुराते हैं। _raushan singh #Hindi #hindhikavita #Hindhipoetry #hindhishayari #Thoughts #writer #writeaway #Nojoto #foryoupage