दी गई है वो आँख ज़ाम.. करार! आयें और पायें खास ओ आम.. करार! इश्क़ की.............. खूबसूरती देखें,, इस की बैचैनियों का नाम.. करार! एक तो खुल के ज़ी नहीं सकते! और फ़िर खुदकुशी हराम.. करार! # atif naseer# ©Azeem Khan #atif naseer poetry# Kajalife.... प्रियंका गुप्ता (गुड़िया)