😁😊ग़ज़ल😁😄 जिंदग़ी मे हर खज़ाना आ गया| गर अदब से सर झुकाना आ गया| दाेस्ती ताे खुद बखुद निभ जायेगी रस्मे-उल्फ़त गर निभाना आ गया|