सुबह मुरझाई तो मुकम्मल होती अब रात नहीं मिलते थे अक्सर तो फूलों पर जैसे रंग चढ़ते थे अब हाल-ए-ख़बर जान लेने में भी वो बात नहीं। पहले जैसी बात नहीं, क्या तुमको कुछ याद नहीं। #पहलेजैसीबात #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi