अरसों बाद फ़लक पे, वह चांद कल नज़र आया मुझे..! च़मक ऐसी परी उसकी मुझ पे, कि हर तरफ मैं ही मैं छा गया उसमें..!! आंखों को मेरी ठंडक थी,ही मिली, के बादलों ने कर के सितम मुझसे छिपा ले गया उसे..! सितारों भरी रात में,करके अकेले फ़िर खो गई, कहीं फ़िर से, वह फ़लक की चांदनी..!! ©R...Khan #फ़लक #की #चांदनी #moonbeauty Saurav Das