ये महल ये बंगले, ये शहर ये इमारतें, ये जहाज़ ये हवाई अड्डे, ये फोन और कम्प्यूटर.. वाह! क्या खूब तरक्की की हमने, न हवा शुद्ध है न पानी, न पेड़ हैं न पौधे, न जंगल है और न जानवर.. इंसान वो मूर्ख प्राणी है जिसने ज़िन्दगी आसान बनाने के लिए ज़िन्दगी ही ख़त्म कर दी 😅 ये महल ये बंगले, ये शहर ये इमारतें, ये जहाज़ ये हवाई अड्डे, ये फोन और कम्प्यूटर.. वाह! क्या खूब तरक्की की हमने, न हवा शुद्ध है न पानी, न पेड़ हैं न पौधे,